NEWS VELOCITY.IN

Latest News Of Political, Sports, Share Market And Entertainment Industry From India

Naughty Gang A Complete Entertaining Movie Critic Rating 2.5 Star

टाइमपास मनोरंजक फ़िल्म है ‘ नॉटी गैंग ‘ ( 2.5 स्टार )

पंकज कुमार विराट निर्देशित फिल्म ‘नॉटी गैंग’ में नए युवा कलाकारों ने बड़े ही सहज अंदाज़ में कॉमेडी करने की कोशिश की है। यह फ़िल्म खासकर युवा दर्शकों को ध्यान में रखकर बनायी गयी है।

फ़िल्म की कहानी में एक गांव के तीन लड़के बल्लू, राजा और हैरी की शरारत से सभी परेशान रहते हैं। यहां तक कि बल्लू अपने माता पिता को भी नहीं छोड़ता। तीनों की दोस्त विद्या उन्हें सही रास्ते पर चलने के लिए हमेशा समझाती रहती है मगर वे शरारत करने से बाज नहीं आते।

विद्या और बल्लू बचपन से ही एक दूसरे को चाहने लगते हैं। बड़ा होकर तीनों लड़के ठगी और हेरा फेरी करके पैसे कमाना चाहते हैं। फिर वह तीनों गांव छोड़कर शहर की ओर बढ़ते हैं और अपने काम को अंजाम देते हुए पुलिस की नज़र में आ जाते हैं। पुलिस से बचते बचते तीनों एक नैचुरल हेल्थ थेरेपी सेंटर पहुंच जाते हैं। वहां पर खूबसूरत लड़कियों द्वारा हीलिंग कराया जाता है। सेंटर की संचालिका लीला खुद को मृतक साबित कर भूतनी का रूप धारण कर ग्राहकों को भगाती रहती है और सबका माल हड़प लेती है। इस काम में दूसरी लड़कियां भी उससे मिली होती हैं। जिनमें माया की शक्ल हूबहू विद्या से मिलती है।

तीनों लड़के को लीला का राज़ पता चल जाता है और वे उसे ब्लैकमेल करते हुए सेंटर में मुफ्त की रोटी तोड़ने लग जाते हैं। वहां विद्या को देखकर तीनों दोस्त आश्चर्यचकित हो जाते हैं। इधर तीनों लड़कों से परेशान लीला अपने आशिक रोमियो डॉन को मदद के लिए मनाती है। दरअसल डॉन रोमियो अपनी दरियादिली की चक्कर में सब कुछ गंवा बैठा है। उसे लूटने में लीला का भी हाथ होता है जिसके पैसे से वह हेल्थ सेंटर चला रही है।

अंत में क्या विद्या अपने प्रेमी के साथ उसके दोस्तों को सही रास्ते पर ला सकती है ? क्या लीला और डॉन रोमियो तीनों लड़के से अपना बचाव कर पाते हैं ? यह सब देखना बड़ा दिलचस्प होगा।

पंच परमेष्ठी प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड और त्रयम्बकं प्रोडक्शन द्वारा निर्मित इस फ़िल्म में निर्देशक पंकज कुमार विराट ने फ़िल्म में मनोरंजन दिखाने के लिए कुछ नए सीन डाले हैं। पहली बार उन्होंने निर्देशन में हाथ आजमाया है और काफी हद तक सफल हुए हैं। कलाकारों के एक्सप्रेशन पर थोड़ा ध्यान दिया जा सकता था। फ़िल्म की सिनेमैटोग्राफी बेहतरीन है। लोकेशन भी देखने लायक है।

गाने सुनने योग्य हैं।

कुल मिलाकर यह फ़िल्म टाइमपास के लिए देखी जा सकती है।