कोरोना बीमारी से जंग के लिए नहीं उठे उचित कदम : शरद यादव
बिहार में लगातार कोरोना के मामलों की वृद्धि को लेकर देश के दिग्गज नेता शरद यादव ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि राज्य सरकार इस बीमारी से लड़ने के लिए उचित कदम उठाने में बेहद विफल हुई है। बिहार सरकार ने कोरोना को हल्के में लिया, जिससे मामले प्रतिदिन दुगने होने लगे हैं जो बहुत ही चिंताजनक है। राज्य में टेस्टिंग भी जितनी होनी चाहिए नहीं हो रही हैं तो सही पता कैसे लगेगा कि कितने लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। जितना आंकड़ा सरकार द्वारा बताया जा रहा है उस पर विश्वास नहीं कर सकते हैं क्योंकि जितने टेस्ट होने चाहिए नहीं किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अचानक तालाबंदी के बाद किसी भी मामले को चाहे वह प्रदासी मजदूरों का हो या छात्रों का हो कुशलता से नहीं संभाला है। जो क्वारंटाइन केंद्र भी बनाए थे, उनमें भी आवश्यक सुविधाए उपलब्ध नहीं कराई गई थी। इस तरह से राज्य सरकार ने शुरू से ही कोरोना बीमारी के लिए उठाने वाले कदमों में ढिलाई बरती ,है जो निंदनीय है। सरकार का काम जनता के जन जीवन आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना होता है जिससे जनता सुखी जीवन व्यतीत कर सके मगर बिहार सरकार की इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई पड़ती है।
श्री यादव ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि बिहार सरकार को काफी समय तैयारी का भी मिल गया था, उसके बावजूद भी कोई ऐसा काम नहीं किया, जिससे की जनता को बीमारी से बचाया जा सके। नीतीश सरकार को बिल्कुल भी जनता के वोट की चिंता नहीं है जैसे कि जनता उनके हाथ में है। बिहार राज्य में 13 करोड़ की जनसंख्या है उसपर प्रतिदिन 9-10 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं जबकि दिल्ली में जनसंख्या कुल 2 करोड़ है और यहां पर 20 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। यह बढुत गंभीर बात है कि एनडीए की सरकार केन्द्र और राज्य में होते हुए भी जनता को बीमारी से बचाने के लिए कोई राज्य में ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। दिन प्रतिदिन बिहार में हालात बिगड़ते जा रहे हैं मगर सरकार ठीक आंकड़े जनता को बता नहीं रही है जो और भी जनता के हित के खिलाफ काम करने जैसा है क्योंकि जनता इतनी सतर्क नहीं होगी जितना होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि एनडीए सरकार बिहार में हर मोर्चे पर विफल हो रही है। आम जनता के हित का कोई भी मामला हो कानून व्यवस्था से लेकर, महिलाओं की सुरक्षा, सफाई व्यवस्था, बाढ़, नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना, कोई भी मामला उठा लें किसी में भी जनता को राहत नहीं दे पारही है और इसलिए ऐसी सरकार को बने रहने का कोई मतलब नहीं है। अभी के लिए राज्य सरकार को टेस्टिंग बहुत ज्यादा करनी चाहिए और बीमारी का इलाज करने के लिए ज्यादा से ज्यादा केन्द्र बनाने चाहिए।
More Stories
माही किरन का बॉलीवुड में होगा धमाल, एक्टिंग सिंगिंग और डांसिंग से होगा सबके दिलो पर राज
MET Institute Of Management, Mumbai Wins Big At Smart India Hackathon 2024
NOVEX NOC MUST FOR MUSIC IN EVENTS : Hotel Associations’ Appeal Rejected By Bombay HC