भारत में थाईलैंड के रत्नाभूषणों की बढ़ती मांग के मद्देनजर डीआईटीपी ने बैंकॉक में 7 -11 सितंबर तक आयोजित होने वाले “67वें बैंकॉक जेम्स एंड ज्वेलरी फेयर” के लिए रोड शो के साथ फैशन शो का भी आयोजन किया। इस संस्करण में 25,000 से अधिक आगंतुकों के आने और इससे 268 करोड़ रु. से अधिक राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।
थाईलैंड के मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स, डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड प्रोमोशन (डीआईटीपी) ने जेम एंड ज्वेलरी इंस्टिट्यूट ऑफ थाईलैंड (जीआईटी) के प्रतिनिधियों और थाई ट्रेड सेंटर, मुंबई के साथ मिलकर बैंकॉक में 7-11 सितंबर 2022 को आयोजित होने वाले 67वें बैंकॉक जेम्स एंड ज्वेलरी फेयर (बीजीजेएफ) के लिए लेट्स गो टू बैंकॉक रोड शो आयोजित किया। इसके बाद एक विशेष फैशन शो का आयोजन किया गया जिसमें मॉडल्स ने आगंतुकों के सामने भाईलैंड के जेम एंड ज्वेलरी की रेंज प्रदर्शित की।
भारत की लैब ग्रोन डायमंड एंड ज्वेलरी प्रमोशन काउंसिल (एलजीडीपीसी) और डीआईटीपी ने यह समझा कि कैमे दोनों देश एक-दूसरे के विशेष संसाधनों का महत्वपूर्ण रूप से लाभ उठा सकते हैं। एलजीडीपीसी ने थाईलैंड को बड़ी संख्या में लैब ग्रोन डायमंड्स गोल्ड, सिल्वर और रुबीज़ का निर्यात करने का प्रस्ताव रखा है और बदले में थाईलैंड भारत को समान मूल्य के अपने रूबी सिल्वर और व्हाइट गोल्ड का निर्यात करेगा।
इससे अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार मजबूत होगा।
भारत थाईलैंड के रत्नाभूषण और विशेषकर चांदी के आभूषणों के लिए एक प्रमुख बाजार रहा है। यह पिहले वर्ष से +158.21% की दर से तेजी से बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी सभ्यताओं का विशिष्ट जुड़ाव रहा है। हाल के वर्षों में से दोनों पड़ोसी देश विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट व्यावसायिक सम्बन्ध साझा कर रहे हैं।
डीआईटीपी की हालिया रिपोर्ट में पता चलता है कि थाईलैंड का रत्न और आभूषण निर्यात (सोने को छोड़कर) जनवरी से जून 2022 के बीच बढ़कर 3,884.21 मिलियन अमरीकी डालर हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 40.96% अधिक है। अमेरिका, हांगकांग और जर्मनी जैसे मुख्य बाजारों में, भारतीय बाजार ने सबसे अधिक निर्यात मूल्य उत्पन्न किया है, और हीरे, रत्न, मोती, आभूषण, सिंथेटिक स्टोन्स, कीमती धातु और अन्य उत्पादों के निर्यात में कुल 149.21% की वृद्धि हुई है।
भारत कई वर्षों से संख्या और व्यापार के वॉल्युम दोनों ही मामले में बीजीजेएफ मेले में शामिल होने वाले शीर्ष देशों में से एक है। यहां तक कि इस 67वें संस्करण के लिए भी भारतीय आगंतुकों का पंजीकरण नंबर 1 स्लॉट पर रहा है और अभी पंजीकरण हो रहे हैं। बीजीजेएफ विशेष रूप से भारतीय प्रदर्शकों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यापार मंच है। मुख्य रूप से पड़ोसी होने के कारण, दोनों देश न केवल पहचान और खानपान के मामले में, बल्कि फैशन और जीवन शैली के मामले में भी लगभग समान संस्कृति और विरासत साझा करते हैं। एक भारतीय खरीदार या आयातक के लिए यह प्रदर्शनी थाईलैंड द्वारा विशिष्ट रूप से बनाए गए रत्नों और आभूषणों के नवीनतम रेंज तक पहुंचने के लिए एक नजदीकी और रेडीमेड प्लेटफॉर्म प्रदान करती है।
बीजीजेएफ न केवल एशिया में बल्कि पूरे विश्व में सबसे बड़ा जैम एंड ज्वैलरी मेला है। डीआईटीपी थाईलैंड के रत्न और आभूषण उद्योग को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने में लगातार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बीजीजेएफ 2022. जो इम्पैक्ट चैलेंजर हॉल, मुआंग थोंग थानी, बैंकॉक में आयोजित किया जाएगा, उसमे 800 से अधिक प्रदर्शक और 1.800 से अधिक बूथ होंगे। इस संस्करण में 25,000 से अधिक आगंतुकों के आने और इससे 268 करोड़ रु. से अधिक राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। दुनिया भर की स्थापित कंपनियों और उद्यमी थाईलैंड और दुनिया भर के निर्माताओं, खरीदारों, आयातको वितरकों और निर्यातकों के साथ रत्न, आभूषण, सोना, चांदी से लेकर पैकेजिंग, उपकरण, और मशीनरी तक नेटवर्क बनाने में सक्षम होंगे।
महामहिम, श्री डोनाविट पूलसावत, काउंसिल जनरल, रॉयल थाई कॉन्सुलेट जनरल, मुंबई ने कहा थाईलैंड के लिए, भारत विशेष रूप से पर्यटन और व्यापार दोनों के लिए महामारी से पहले और इसके बाद के समय में एक विशेष स्थान रखता है। भारत ने रत्न और आभूषण उत्पादों में थाईलैंड के निर्यात में बड़े पैमाने पर योगदान दिया है। हर साल की तरह, इस साल भी आप सबके बीच आकर और आपको बीजीजेएफ के 67वें संस्करण में आमंत्रित करते हुए बेहद खुशी हो रही है। मुंबई हमेशा से इस देश के जेम एंड ज्वेलरी सेक्टर का केंद्र रहा है और हर साल की तरह हम इस साल भी सिटी ऑफ ड्रीम्स में अधिकतम भागीदारी की उम्मीद करते हैं।”
छायाकार : रमाकांत मुंडे मुंबई
“67वें बैंकॉक जेम्स एंड ज्वेलरी फेयर” के लिए रोड शो व फैशन शो का आयोजन, बैंकॉक में 7 -11 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा
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